
गोदान - प्रेमचंद का अन्तिम और आलोचकों - अनुसार उनका सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास - हिंदी साहित्य की उत्कृष्टता का उदहारण है |
'गोदान आज भी प्रासंगिक है और हमेशा हे रहेगा | आज भी गांव की स्तिथि दयनीय है | कृषक आज भी आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। .. हमें मुंशी प्रेमचंद की कालजयी आवाज़ को अवश्य सुनना चाहिए | - गुलज़ार