
'आनन्दमठ' एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और अविस्मरणीय राजनीतिक उपन्यास है; वीरता एवं महाकाव्य जैसे आयामों के साथ इसका कथानक 18वीं शताब्दी के उत्तार्द्ध में हुए सन्यासी विद्रोह पर आधारित है.
शक्तिशाली अंग्रेज़ सेना और लगभग निहत्थे एवं निर्भीक सन्यासी योद्धाओं के टकराव की पृष्ठभूमि पर लिखा यह उपन्यास देशभक्ति और स्वतन्त्रता आन्दोलन का प्रेरणास्त्रोत था.
इस उपन्यास के साथ बंकिम ने देश को मातृभूमि की स्तुति में लिखा एक स्तोत्र — वन्दे मातरम् — भी दिया जो स्वतन्त्रता आन्दोलन के लिये आह्वान बन गया और फिर स्वतन्त्र भारत का राष्ट्रीय गान।
- 'भारत के महानतम उपन्यासों में एक'
— हिन्दुस्तान टाईम्स - 'स्वतन्त्रता के लिये जुनून और संघर्ष को अद्वितीय कहानी...'
— रवीन्द्रनाथ टैगोर
Book Details
Transliteration: आनन्दमठ
Language: Hindi
Format: Paperback
Author: Bankim Chandra Chattopadhyay